जूना अखाड़े ने राधे मां का कुंभ प्रवास किया रद्द

जूना अखाड़े ने महिला संत राधे मां को कुंभ के दौरान मुंबई में ही रहने को कहा है। जूना अखाड़े के इस संदेश के बाद राधे मां के प्रयाग कुंभ में आने की संभावना क्षीण हो गई है। अखाड़े की इस कवायद को विवादों बचने की कार्यवाही के तौर पर देखा जा रहा है।

कमरे की बुकिंग भी रद्द
जूना अखाड़े के सूत्रों का कहना है कि कुंभ में संतों द्वारा राधे मां के विरोध की आशंका को देखते हुए राधे मां को गुपचुप ठहराने के लिए इलाहाबाद के एक होटल में कमरा बुक कराया गया था। उसे भी निरस्त करा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कुंभ के संत क्षेत्र में राधे मां को भूमि का आवंटन नहीं हो पाया था।

बताया जा रहा है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद के समर्थकों ने जूना अखाड़े को राधे मां के नाम पर घेरने की तैयारियां शुरू कर दी थीं। अखाड़ा सूत्रों के अनुसार एक खेमा इस बात पर जुटा था कि यदि राधे मां प्रयाग आईं, तो विरोध किया जाएगा। खेमे की मंशा को भांपकर जूना अखाड़े ने राधे मां को प्रयाग आने से मना कर दिया।

राधे मां विवाद
जूना अखाड़े ने कुछ माह पूर्व विवादित महिला संत राधे मां को रातोंरात गुपचुप महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान कर दी थी। रात में महामंडलेश्वर की पदवी से विभूषित होकर राधे मां सुबह मुंबई रवाना हो गईं। सब कुछ इतना गोपनीय हुआ कि हरिद्वार में संत समाज को इस कार्यक्रम की भनक तक नहीं लग पाई थी।

बाद में विवाद इतना बढ़ा कि खुद जूना अखाड़े ने राधे मां के खिलाफ एक आंतरिक जांच बैठा दी थी। राधे मां के कृतित्व और व्यक्तित्व की जांच के लिए टीम हरियाणा, पंजाब समेत कई स्थानों पर गई थी। इस दौरान अखाड़े ने राधे मां को दी गई महामंडलेश्वर की पदवी निलंबित भी कर दी। कुंभ में महामंडलेश्वरों की खासी पूछ होती है। लेकिन राधे मां को लेकर जूना अखाड़ा पुन: विवादों में न आए इसलिए राधे मां को मुंबई में ही रुकने को कहा गया है।

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